कहो कब तलक यूँ सताते रहोगे

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  • Shah Nawaz
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  • कहो कब तलक यूँ सताते रहोगे  
    कहाँ तक हमें आज़माते रहोगे  

    सवालों पे मेरे बताओ ज़रा तुम  
    यूँ कब तक निगाहें झुकाते रहोगे  

    हमें यूँ सताने को आख़ीर कब तक  
    रक़ीबों से रिश्ते निभाते रहोगे  

    वो ग़म जो उठाएँ हैं सीने पे तुमने  
    बताओ कहाँ तक छुपाते रहोगे 

    - शाहनवाज़ 'साहिल' 

    5 comments:

    1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26 -05-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2354 में दिया जाएगा
      धन्यवाद

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    2. खूबसूरत शेर कहे हैं !!!

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