पकड़ ले आइना हाथों में बस उनको दिखाता चल

हज़ारों साज़िशें कम हैं सियासत की अदावत की
हर इक चेहरे के ऊपर से नकाबों को हटाता चल

कभी सच को हरा पाई हैं क्या शैतान की चालें?
पकड़ ले आइना हाथों में बस उनको दिखाता चल

करो कुछ काम ऐसे भी अदावत 'इश्क़' हो जाएं
रहे इंसानियत ज़िंदा, मुहब्बत को निभाता चल

भले कैसा समाँ हो यह, बदल के रहने वाला है
कभी मायूस मत होना, यूँही खुशियाँ लुटाता चल

- शाहनवाज़ 'साहिल' 

Read More...

मेरे वतन में तो 'मज़हब' हैं दोस्ती के लिए...

यह हमारा हिन्दोस्तां है, जहाँ मज़हब दोस्ती का सबब है, जहाँ विभिन्न धर्मों के लोग साथ रहते हैं, खाते हैं, पढ़ते हैं और साथ ही अपनी-अपनी पूजा भी कर लेते हैं....

हज़ारों साज़िशें कमतर हैं दुश्मनी के लिए
मेरे वतन में तो 'मज़हब' हैं दोस्ती के लिए
- शाहनवाज़ 'साहिल'


Read More...

उन जवानों का कर्ज़ा चुकाएंगे कब?

सियाचिन ग्लैशियर में हिमस्खलन से हुई हमारे जवानों शहादत की खबर ग़मगीन कर गई! देश की हिफाज़त की ख़ातिर सरहदों पर लड़ने वाले हमारे जवानों की जज़्बे और शहादत को सलाम...


हम यूँ आज़ादियों की हर इक जद में हैं
क्योंकि क़ुर्बानियाँ उनके मक़सद में है

उन जवानों का कर्ज़ा चुकाएंगे कब?
जो हमारी हिफाज़त को सरहद पे हैं

- शाहनवाज़ 'साहिल'

Read More...

ग़ज़ल: सच अगर आया ज़ुबाँ पर फासला हो जाएगा

यूँ ना देखो दुनियाभर में तब्सिरा हो जाएगा 
फ़क़्त बस बैठे-बिठाए मसअला हो जाएगा 

होंट हिलते ही नहीं हैं आप हो जब सामने
आप ही कोशिश करो तो हौसला हो जाएगा 

रेत पर बच्चे की मेहनत लहरों से टकरा गई
पर 'घरौंदा' टुटा तो वो ग़मज़दा हो जाएगा 

दिल अभी महफूज़ है महफ़िल के कारोबार से
आप गर चाहेंगे तो यह मुब्तिला हो जाएगा 

आ करूँ में आज तुझसे दिलरुबा यह फैसला
और भी कुछ ना हुआ तो तजरुबा हो जाएगा 

ग़ैर के तो ऐब हमने रात-दिन देखा किये
अपने देखेंगे तो यह दिल आईना हो जाएगा 

चापलूसी पर टिकें हैं 'साहिल' रिश्ते आज के
सच अगर आया ज़ुबाँ पर फासला हो जाएगा 

- शाहनवाज़ 'साहिल'

Read More...
 
Copyright (c) 2010. प्रेमरस All Rights Reserved.