पारिवारिक देह व्यापार का घृणित जाल

आज दुनिया जिस तेज़ी से विकास के पैमाने तय कर रही है, उसी तेज़ी से इंसान का चरित्र गिरता जा रहा है। आज के युग में जहां पैसा ही भगवान नज़र आ रहा है, उसे देखकर दुनिया का भविष्य अंधकारमय दिखाई देता है। आधुनिकता के इस युग में यूँ तो हर एक धन बटोरने की होड़ के चलते दूसरों का शोषण करने में प्रयासरत हैं, लेकिन आज के युग में भी सबसे अधिक शोषण का शिकार हमेशा से शोषित होती आयी नारी ही है। कहीं उन्हें सरेआम फैशन की दौड़ में लूटा जाता है तो कहीं देह व्यापार की अंधी गली में धकेल दिया जाता है। हद तो तब होती है, जब उनके अपने माता-पिता, चाचा-मामा, भाई जैसे सगे-संबंधी ही रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करते हुए महिलाओं को इस दलदल में फंसने पर मजबूर कर देते हैं। पूरे-पूरे खानदान और गांव के गांव देह व्यापार के धंधे में शामिल हो जाते हैं।
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