मौसमी इश्क

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  • Shah Nawaz
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  • मौसमी इश्क़ है, मौसम के बाद क्या होगा,
    हर चेहरे पर नया चेहरा चढ़ा होगा।


    मौज साहिल से आकर मिलती है,
    इसके बाद उसको बिछुड़ना होगा।

    हर कहानी कहीं ख़तम होगी,
    फिर नया एक फलसफ़ा होगा।

    मेरा सातो जनम का साथी वोह,
    ग़ैर की बाहों में खड़ा होगा।

    हमको कहता है हमसफर जो अभी,
    रहज़नी में वही लगा होगा।

    जिससे उम्मीद-ए-हिफाज़त की है,
    वहीं ताने हुए कमां होगा।

    बड़ा माक़ूल समां है सनम के मिलने तक,
    बदला-बदला यह फिर जहां होगा।

    - शाहनवाज़ सिद्दीकी 'साहिल'



    Keywords:
    Ghazal, Urdu, Gazal, hindi, poem

    13 comments:

    1. मौसमी इश्क़ है, मौसम के बाद क्या होगा
      हर चेहरे पर नया चेहरा चढ़ा होगा।
      गजब

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    2. हर कहानी कहीं ख़तम होगी,
      फिर नया एक फलसफ़ा होगा

      वाह सलिल साहब वाह...बेहतरीन....बहुत खूब कहा है आपने...ग़ज़ल में शेर दोहराए नहीं जाते...
      नीरज

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    3. नीरज गोस्वामी जी, मेरी हौसला अफजाई और जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. आशा है भविष्य में भी इसी तरह मार्ग-दर्शन करते रहेंगे.

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    4. बहुत खूब,,आनन्द आ गया.

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    5. वाह क्या ग़ज़ल है

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    6. उम्दा है ,मजा आया

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    7. bahut hi acchi gazal shahnawaj ji.

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    8. Orkut par aapki Hindi-Community me kuchh galat thread chal rahi hai, please dhyan dijiye.

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    9. इसे इंटरनेट युग का इश्क भी कह सकते हैं.

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